Sadhana Shahi

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अवध धाम कविता ,प्रतियोगिता हेतु -04-Feb-2024

दिनांक- 04 -02 -2024 दिवस- रविवार #प्रदत्त विषय- अवध धाम प्रतियोगिता हेतु कविता

चलो चलें अवध के धाम, कि प्रभु श्री राम बुलाते हैं। अब मिले वहीं आराम, जहाँ श्री राम जी भाते हैं।

चलो चलें अवध के धाम, कि प्रभु श्री राम बुलाते हैं।

यू.पी.चले, बिहारी चलें, चले झूम संग आसाम। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान।

चलो चलें अवध के धाम, कि प्रभु श्री राम बुलाते हैं।

चले राष्ट्र का कोना- कोना, भक्ति में झूमे पूरा आवाम। शबरी, निषाद, विभीषण से होवे, प्रभु सदा तुम्हारा ध्यान।

चलो चलें अवध के धाम, कि प्रभु श्री राम बुलाते हैं।

भारतीय हों तेजस्वी त्यागी, कलाम, बुद्ध ,लोपा के समान। तन्मय हो प्रभु राम भजें, सब गाएंँ वेदों का गान।

चलो चलें अवध के धाम, कि प्रभु श्री राम बुलाते हैं।

सैनिक सदा ही शौर्य दिखाएंँ, देश हित हों सदा बलिदान। उच्च वर्ग हो कर्ण के जैसा, देश हित सर्वस्व करें वो दान।

चलो चलें अवध के धाम, कि प्रभु श्री राम बुलाते हैं।

रविदास सा जनमानस हो, ले कर्म को पूजा मान। मनु, किरन सी बालाएंँ हों, करें सदा देश का नाम।

चलो चलें अवध के धाम, कि प्रभु श्री राम बुलाते हैं।

साधना शाही, वाराणसी

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4 Comments

Alka jain

06-Feb-2024 11:24 AM

Nice

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Mohammed urooj khan

06-Feb-2024 12:55 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Milind salve

05-Feb-2024 12:40 PM

Nice

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